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खतरगच्छाचार्य श्री पीयूषसागरजी म.सा. का बाड़मेर जैन श्री संघ, सूरत में भव्य चातुर्मास प्रवेश

गाजे-बाजे, वरघोड़े और श्रावक-श्राविकाओं की भक्ति से गूंजा संघ परिसर, धीमी वर्षा ने किया मंगलमय स्वागत

फुहारों में हुआ आगमन समारोह, धर्मसंकल्पों से गूंजा वातावरण

सूरत। डायमंड, टेक्सटाइल्स और धर्म नगरी सूरत में आयोजित सर्वमंगलमय वर्षावास – 2025 के अवसर पर शनिवार को प.पू. खरतरगच्छाचार्य, संयम सारथी, शासनप्रभावक, चातुर्मास सम्राट श्री जिनपियूषसागर सूरिश्वरजी म.सा. ठाणा 8 एवं अष्टापद तीर्थ प्रेरिका, परमसाध्वीरत्न, प.पू. श्री जिनशिशुप्रज्ञाश्रीजी म.सा. की सुशिष्या, पू. सरलमना साध्वीश्री प्रमोदिताश्रीजी म.सा. ठाणा 3 के साथ चतुर्विध संघ का चातुर्मास प्रवेश भव्य शोभायात्रा के साथ सम्पन्न हुआ।

यह मंगलमय शोभायात्रा शुभम हाइट्स-1 से प्रारंभ होकर हल्की फुहारों के बीच दर्शन सोसायटी, शिलालेख रेसिडेंसी, परवत पाटिया, कबूतर सर्कल, डॉक्टर हाउस, संखेश्वर कॉम्प्लेक्स होते हुए कुशल दर्शन जैन मंदिर दादावाड़ी तक निकाली गई।

देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों गुरुभक्त इस अवसर पर पधारे। संघ के श्रावक-श्राविकाओं ने पारंपरिक परिधान में बैंड, भगवान के रथ, ढोल-नगाड़े, घंटी, रंगोली, पंजाबी डांस और आकर्षक गीतों पर नृत्य करते हुए उत्साहपूर्वक भाग लिया।

सभा मंडप में प.पू. आचार्य श्री का मंगलाचरण और भक्तिमय गीतों ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। विभिन्न राज्यों से पधारे अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर सभा का शुभारंभ किया गया। संघ के श्रावक-श्राविकाओं ने गीतों और भजनों के माध्यम से साधु-साध्वियों का अभिनंदन किया और चातुर्मास के दौरान जिनवाणी श्रवण का संकल्प व्यक्त किया।

इसके पश्चात गुरु पूजा, गुरु कांबली आदि की बोलियां बोली गईं और गुरु भक्ति भाव से गुरुदेव का पूजन कर संघ का मान बढ़ाया गया। साधु भगवंतों ने अपने प्रवचनों में चातुर्मास के चार महीनों के महत्व को विस्तार से समझाया।

कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध श्रावक सुपारस गोलेच्छा (रायपुर) ने पालिताना के सहस्त्र शताब्दी महोत्सव और वर्तमान में अजमेर के दादा ज़िन्दतसुरी समाधि स्थल पर चल रहे जिनोद्धार कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। लालित नाहटा ने अपने संबोधन में कहा कि बाड़मेर संघ को मिला यह चातुर्मास उनके जीवन में परिवर्तनकारी सिद्ध होगा।

गुरुपूजन ,कांबली व वाक्षेप कुपि की बोलियों के बाद प.पू.बाल मुनि श्री श्रुत रत्न सागर जी म.सा.,प.पू. मुनि श्री श्लोक रत्न सागरजी म.सा.,प.पू.मुनि श्री सास्वत रत्न सागरजी म.सा(एलएलबी),प.पू. मुनिश्री सम्प्रित सागरजी म.सा. एवं साध्वी श्री ने धर्मसभा को संबोंधित किया।आचार्य भगवंत जिन पीयूष सागरजी म.सा.का प्रेरक प्रवचन के बाद बाड़मेर जैन श्री संघ द्वारा संघ स्वामी वात्सल्य व जय जिनेन्द्र के लाभार्थियों का बहुमान किया गया।

कार्यक्रम के अंत में संघ द्वारा स्वामी वात्सल्य का आयोजन कर सभी श्रद्धालुओं एवं बाहर से आए मेहमानों का स्वागत-सत्कार किया गया। अंत में मंगलिक के बाद गुरुदेव के जयकारों के साथ सभा का समापन हुआ।

संघ और सर्वमंगलमय वर्षावास समिति पिछले एक माह से तैयारियों में लगी थी, जिसकी मेहनत रंग लाई और उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक आयोजन की अनुमोदना और सराहना की।
सर्वमंगलमय वर्षावास समिति के अध्यक्ष सुरेश मालू ने बताया कि चातुर्मास प्रवेश में नई दिल्ली,अजमेर,मालेगांव,कैवल्यधाम,दुर्ग,केकड़ी,बीकानेर,बाड़मेर,रायपुर,मद्रास,जैसलमेर,नवसारी,भिवंडी,प्रतापगढ़,चौहटन,पायधुनी,बालाघाट, हैदराबाद, राजिम नवापुरा,रामगंज मंडी आदि स्थानों से गुरु भक्तों की उपस्थिति रही।

धर्म सभा का सुंदर संचालन गौतम पारख, पुखराज संकलेचा ने किया। गीतकार महावीर देसाई ने अपने मधुर भजनों से सभा को हर्षविभोर कर दिया।

बाड़मेर जैन श्री संघ के अध्यक्ष प्रकाश तातेड़ ने बाहर से पधारे मेहमानों व उपस्थित जनमेदिनी का आभार प्रकट किया।

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