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भाषा-प्रांत-धर्म के नाम पर हमलों के विरोध में सूरत शहर कांग्रेस समिति का राष्ट्रपति को ज्ञापन

सूरत।सूरत शहर कांग्रेस समिति के भाषा भाषी सेल द्वारा आज एक महत्वपूर्ण जनसंवेदना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों में भाषा, प्रांत और धर्म के नाम पर निर्दोष नागरिकों पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भेजा गया।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य में देश के विभिन्न राज्यों से व्यापारी, मजदूर, नौकरीपेशा लोग अपना जीवन यापन करने जाते हैं, किंतु वहां अब वे सुरक्षित नहीं हैं। भाषा और धर्म के नाम पर हमले कर भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया गया है। ऐसी घटनाएं भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर गहरी चोट हैं।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार होते हुए भी इन हमलों पर चुप्पी चिंता का विषय है। विशेष रूप से यह बात भी उठाई गई कि जब देश में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, उस समय सूरत में रहने वाले केंद्र सरकार के एक काबिना मंत्री द्वारा इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया न देना और चुप रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

कार्यक्रम में भाषा भाषी सेल के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोयल, काशिफ उस्मानी, संतोष पाटिल (सेवादल चेयरमैन), रईज़ाबेन (महिला कांग्रेस अध्यक्ष), छायाबेन ठाकुर, हरीश सूर्यवंशी, अशोक कोठारी, अवनीश तिवारी, चंपालाल बोठरा, शशिकांत दुबे, खुमानसिंह, मोहन कनेजिया, गणेश जैन, शिवासिंह राजपूत, सजुबेना दीक्षित, कृष्णा पांडे, जयेश ब्रह्मभट्ट सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में परप्रांतीय नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन सूरत शहर कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्री विपुल उधनावाला के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि देश के हर नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए और ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगे।

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