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अंतिम निर्णय आने तक पत्नी और पुत्री को 9,000 रुपये मासिक अंतरिम भरण-पोषण देने का फैमिली कोर्ट का आदेश

सूरत। सूरत की माननीय फैमिली कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में पति मोहम्मद समीर बनूमिया राजा को अपनी पत्नी शहनाज़बानु और 6 वर्षीय पुत्री को 9,000 रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण के रूप में भुगतान करने का निर्देश दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहनाज़बानु ने अपने अधिवक्ता शमीम मलिक के माध्यम से फैमिली कोर्ट, सूरत में याचिका दाखिल कर अपने और अपनी पुत्री के भरण-पोषण हेतु मासिक खर्च की मांग की थी। याचिका में उन्होंने बताया कि उनका विवाह 26 नवंबर 2016 को मोहम्मद समीर बनूमिया राजा से हुआ था, और इस वैवाहिक जीवन से उन्हें एक पुत्री है, जिसकी उम्र वर्तमान में 6 वर्ष है।

शहनाज़बानु ने कोर्ट को बताया कि उनके पति ने मुंबई में एक अन्य महिला से विवाह कर लिया है और अब न तो वे घर का कोई खर्चा देते हैं, न ही एक आदर्श पति के कर्तव्यों का पालन करते हैं। इसके अलावा वे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित भी करते हैं।

मामले की गंभीरता और निर्णय आने में संभावित विलंब को देखते हुए, कोर्ट ने यह माना कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक याचिकाकर्ता और उसकी पुत्री को जीविका चलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कोर्ट ने अंतरिम राहत स्वरूप प्रतिवादी पति को 9,000 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण राशि देने का आदेश पारित किया।

 

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