तेरापंथ युवक परिषद् पर्वत पाटिया का शपथग्रहण समारोह एवं व्यक्तित्व विकास कार्यशाला सम्पन्न

सूरत। तेरापंथ युवक परिषद्, पर्वत पाटिया के सत्र 2025-26 के लिए निर्वाचित अध्यक्ष श्री अमित बुच्चा का शपथग्रहण समारोह प्रो. साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी म.सा. आदि ठाणा-6 के पावन सान्निध्य में दिनांक 1 जून को आत्मिक गरिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ सम्पन्न हुआ।
समारोह की शुरुआत साध्वी श्री जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुई। मंगलाचरण में तेयुप साथी विमल रांका एवं विकास चपलोत ने विजय गीत प्रस्तुत कर वातावरण को प्रेरणादायी बनाया। तत्पश्चात श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के कार्यकारिणी सदस्य एवं सभा मंत्री प्रदीप गंग ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया।
पूर्व अध्यक्ष ने स्वागत वक्तव्य देते हुए नवनियुक्त अध्यक्ष एवं उनकी टीम को शुभकामनाएं दीं और शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करवाई। अपने उद्बोधन में नवाध्यक्ष श्री अमित बुच्चा ने समाजजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि वे आचार्य श्री और संघ के मार्गदर्शन में अभातेयुप द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों को टीम के सहयोग से पूर्ण करेंगे और तेयुप पर्वत पाटिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर समस्त सदस्यों को शपथ दिलाई।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ धर्मसंघ में एक रेपिड एक्शन फोर्स की तरह सक्रिय है। “एक गुरु, एक विधान” केवल नारा नहीं, अपितु तेरापंथ की जीवंत पहचान और आचरण का स्वरूप है। उन्होंने नवगठित टीम को शुभकामनाएं और आध्यात्मिक मंगलकामनाएं प्रेषित कीं तथा संपूर्ण टीम को मंगलपाठ सुनाया।
इस अवसर पर तेरापंथी सभा अध्यक्ष श्री गौतमचंद ढेलड़िया, अभातेयुप सदस्य श्री कुलदीप कोठारी, सूरत सभा अध्यक्ष श्री हजारीमल भौगर, टीएफएफ अध्यक्षा श्रीमती सुमन सुखाणी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने नवगठित टीम को शुभकामनाएं अर्पित कीं। जैन संस्कारक श्री पवन बुच्चा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पारंपरिक जैन संस्कार विधि से शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न कराया।
व्यक्तित्व विकास कार्यशाला
कार्यक्रम के दूसरे चरण में व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें प्रो. साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने परिवार प्रशिक्षण सत्र में महत्वपूर्ण उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि आज संवेग नियंत्रण की अत्यंत आवश्यकता है, अन्यथा पारिवारिक व सामाजिक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। भारतीय संस्कृति में परिवार की परंपरा एक अमूल्य धरोहर है, जिसमें वरिष्ठों के सम्मान और संस्कारों का अनुकरण आवश्यक है। उन्होंने भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कारों से सज्ज करने के लिए अभिभावकों को जागरूक रहने का संदेश दिया।
इस अवसर पर साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी अतुलयशा, साध्वी डॉ. राजुलप्रभा, साध्वी चैतन्यप्रभा एवं साध्वी शौर्यप्रभा ने सामूहिक संगान कर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया।
समापन अवसर पर तेयुप मंत्री श्री अशोक कोचर ने सभी अतिथियों, साध्वीवृंद एवं समाजजनों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन सभा संगठन मंत्री एवं जैन संस्कारक श्री पवन कुमार बुच्चा द्वारा अत्यंत कुशलता से किया गया।