
सूरत। मानसून के दौरान हर वर्ष सूरत शहर में आने वाले खाड़ी पूर से लाखों नागरिक प्रभावित होते हैं और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान होता है। विशेष रूप से मिटी खाड़ी का जलस्तर बढ़ने से शहर के विभिन्न हिस्सों में भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है। इस गंभीर समस्या का दीर्घकालिक समाधान निकालने के उद्देश्य से मिटी खाड़ी को डायवर्ट करने की योजना पर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
इस संदर्भ में स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री राजन पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि, “मिटी खाड़ी सूरत शहर से लंबी दूरी तक गुजरती है और उसका जलस्तर बढ़ते ही हर साल खाड़ी पूर जैसी आपात स्थिति बनती है। इसी को ध्यान में रखते हुए खाड़ी को शहर की सीमा के बाहर, या तो तापी नदी या किसी अन्य जलस्रोत की ओर डायवर्ट करने हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए नोट दर्ज किया गया है।”
उन्होंने आगे बताया कि मिटी खाड़ी को जहां से वह शहर में प्रवेश करती है, वहाँ से डायवर्जन कर आउटर रिंग रोड की ओर मोड़ने की संभावनाओं पर भी विचार हो रहा है। इस निर्णय को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने संबंधित विभागों को तात्कालिक आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं।
हाल ही में सूरत में उत्पन्न हुई खाड़ी पूर की विकट स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस परियोजना के तहत न केवल मिटी खाड़ी बल्कि अन्य खाड़ियों की स्थितियों का भी अध्ययन किया जाएगा ताकि भविष्य में सूरत शहर जलभराव की समस्या से स्थायी रूप से मुक्त हो सके।