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खरतरगच्छाचार्य श्री जिन मनोज्ञसूरीश्वरजी का हुआ चातुर्मास हेतु भायंदर नगर प्रवेश

चातुर्मास परिवर्तन का माध्यम बने पुनरार्वतन का नहीं–आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी*

नगर प्रवेश में सम्पूर्ण भारत से पहुंचे गुरूभक्त

देशभर के हजारों गुरूभक्तों ने लिया आशीर्वाद

गुरूभक्तों ने गुरूदेव को कन्धो पर बिठाकर कराया प्रवेश

भायंदर। परम पूज्य वशीमालाणी रत्नशिरोमणि ब्रह्मसर तीर्थोद्वारक संघ एकता सूत्रधार मरुधर रत्नाकर खरतरगच्छाचार्य गुरूदेव श्री जिनमनोज्ञसुरीश्वरजी म.सा. व मुनि नयज्ञसागरजी म.सा. आदि ठाणा का 2025 का वर्षावास चातुर्मास हेतु भव्य नगर प्रवेश शनिवार को महाराष्ट्र में मुम्बई महानगर में खरतरगच्छ संघ भायंदर में हुआ। चातुर्मास संयोजक विशनराज मेहता व खरतरगच्छ संघ भायंदर के अध्यक्ष दीपचन्द ललवाणी ने बताया कि आचार्यश्री का पिछला 2024 का चातुर्मास में भायंदर के पास भिवण्डी में बड़ी धर्म साधना के साथ सम्पन्न हुआ था। जिसके बाद गुरूदेव द्वारा राजस्थान में विचरण करते हुए गुजरात में डायमण्ड नगरी सूरत में वृजभूमि सोसायटी में विमलनाथ भगवान की प्रतिष्ठा सम्पन्न करवा कर गुजरात व महाराष्ट्र में कई नगरों से पैदल विहार करते हुए गुरूदेव का शनिवार को चातुर्मास हेतु महाराष्ट्र में मुम्बई महानगर में खरतरगच्छ संघ भायंदर में भव्य नगर ऐतिहासिक नगर प्रवेश हुआ। जहां चातुर्मास के चार माह (वर्षावास) में धर्म, साधना, जप, तपस्या, आदि कई धार्मिक आयोजन होगे। दीपचन्द ललवाणी ने बताया कि गुरूदेव के नगर प्रवेश पर सैकड़ों गुरूभक्त पुरे भारतभर से मुम्बई पहुंच प्रवेश की शोभा बढाई। ललवाणी ने बताया कि इससे पहले शनिवार को प्रातः 09.00 बजे कपोल वाडी गीता नगर भायंदर वेस्ट से आचार्यश्री के नगर प्रवेश की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो नगर के मुख्य मार्गो से होते हुई भायंदर नगर के क्रिकेट टर्फ, फिलो रेस्टारेन्ट के पास, दर्शना हाईटस के आगे, भायेदर वेस्ट में खरतरगच्छ संघ भायंदर ने अगुवानी कर प्रवेश करवाया गया। पुरे रास्ते में गुरूभक्तों ने अपने गुरू को कन्धो पर बिठाकर नगर प्रवेश कराया। गुरूभक्ति का ऐसा अनुठा संगम भायंदर नगर में दूसरी बार देखने को मिला। शनिवार को आचार्य श्री मनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. व मुनि नयज्ञसागरजी म.सा. का चातुर्मास के लिए हुआ ऐतिहासिक नगर प्रवेश। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ भायंदर के सचिव मुकेश छाजेड़ ने बताया कि शोभायात्रा में सभी पुरुष चुंदरी, साफा एवं सफेद वस्त्र एवं बहने अपने-अपने मण्डल के परिधान में शोभा बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में सबसे आगे जैन ध्वज तत्पश्चात क्रमश घुडसवार, अश्व पर सवारों के हाथ में लहराती धर्म ध्वजाएं, मंगल ध्वनियों का वादन करते बैण्ड वादक और आचार्य भंगवत के पीछे-पीछे चलते गुरू महिमा का गुणगान करते, जिनशासन की जय-जयकार करते भक्तजन, श्रावक-श्राविकाए, बैंड की धुन एवं ढ़ोल की थाप पर गुरूभक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूम रहे थे। शोभायात्रा का जगह-जगह पर गहुल्ली वह तोरण द्वार से स्वागत किया गया इसी कडी मेें शोभायात्रा के भायंदर वेस्ट पहुंचने पर खरतरगच्छ संघ भायंदर की अगुवाई में महिलाओं द्वारा सामैया के साथ स्वागत किया गया। चातुर्मासिक प्रवेश को लेकर नगरवासियों में अपने गुरू के प्रति जबरदस्त उत्साह का माहौल नजर आ रहा था। भायंदर नगर का दृश्य अद्भूत नजर आ रहा था। सम्पूर्ण नगर में तोरणद्वार, र्होडिंग, बैनरों से सजा हुआ नजर आ रहा था। चातुर्मास संयोजक विशनराज मेहता ने बताया कि चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा भायंदर वेस्ट से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्गो से होती हुई चातुर्मास स्थल पहुंची। जहां पर गुरूदेव का सामैया के साथ स्वागत किया गया। नगर प्रवेश की शोभायात्रा के चातुर्मास स्थल पहुंचने के बाद धर्मसभा, गुरुवंदन एवं मंगलाचरण से प्रारंभ हुई। दीप प्रज्वलन श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ भायंदर के पदाधिकारियों सहित कई अतिथियो द्वारा किया गया। इसके बाद संगीतकार दिलीप सिसोदिया व मुम्बई से संगीत सम्राट अनिल सालेचा द्वारा भक्ति के माध्यम से गुरूवन्दना की गई और बाद में भक्ति की सरिता बहाई। बीकानेर से पधारे सुनिल भाई पारख ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संघ के अध्यक्ष दीपचन्द ललवाणी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सबको चातुर्मासिक धर्म आराधना से जुड़कर 52वे सुविहित संयम स्वर्णोत्सव चातुर्मास को स्वर्णिम एवं ऐतिहासिक बनाना है। वसी मालाणी रत्नशिरोमणि ब्रह्मसर तीर्थोद्वारक आचार्य श्रीजिनमनोज्ञसूरीश्वर म.सा. ने सबको आव्हान करते हुए कहा कि चातुर्मास परिवर्तन का माध्यम बने पुनरार्वतन का नहीं। इस चातुर्मास में 120 दिन का चातुर्मास करके कर्मो की निर्जरा करनी है। अध्यक्ष दीपचन्द ललवाणी ने बाहर से पधारे हुए अतिथियो, शोभायात्रा में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले का आभार व्यक्त किया। प्रवेश समारोह में बाड़मेर, करोला, हाडेचा, मोकलसर, अहमदाबाद, भादरेस, चोहटन, धोरीमन्ना, सूरत, अहमदाबाद, चितलवाना, पाली, बालोतरा, विशाला, सांचैर, जालौर, सियाणी, रामसर, हरसाणी, गुडामालाणी, जोधपुर, पाली, भिवंडी, राणीगांव, बाछड़ाउ, सिद्वपुर, नवसारी, डाकोर, सिवाड़ा, जसाई, सनावड़ा, जैसलमेर, ब्रह्मसर, थोब, डंडाली, शेरगढ़, झिंझनीयाली, मुंबई, बीकानेर, सेतरावा, पचपदरा, दुर्ग, राजनांदगांव, ग्वालियर, दलीराझहरा, नदनी खुंदनी, डीसा, धमाना, भाटीपा क्षेत्र गुजरात, मध्यप्रदेश व छतीसगढ आदि संघ के पदाधिकारियों ने प्रवेश पर शिरकत की।


चातुर्मास में होगे प्रतिदिन कार्यक्रम- चातुर्मास में प्रतिदिन प्रातः नित्य भक्तामर पाठ, गुरू इकतीसा पाठ, महामंत्र नवकार आराधना, महापूजन, संस्कार-ज्ञान-ध्यान शिविर, शंखेश्वर अट्ठम, तत्वरसिक प्रवचन, नित्य सामायिक-प्रतिक्रमण, पापों के प्रक्षालन हेतु पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की सामुहिक आराधना आदि अनेक विध अभूत अनुष्ठान इत्यादि अनके कार्यक्रम इस चातुर्मास के दौरान सम्पन्न होंगे।
प्रेषक-कपिल मालू बाड़मेर लाइव

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