ईएसआईसी की 196वीं बैठक में एम्नेस्टी स्कीम को मंजूरी
दक्षिण गुजरात के उद्योगों को राहत, 100 से अधिक लंबित मामलों का समाधान संभव

सूरत। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 27 जून 2025 को शिमला में आयोजित ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) की 196वीं बोर्ड बैठक में एम्नेस्टी स्कीम को मंजूरी दी। यह स्कीम वर्ष 2016 में लागू की गई स्प्री स्कीम का पुनः कार्यान्वयन है, जिससे देशभर के उद्योगों और न्यायालयों में चल रहे ईएसआई से जुड़े मुकदमों का बोझ कम होगा।
नवीन स्कीम के तहत वे संस्थान और उद्योग, जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, यदि जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 के बीच ईएसआईसी में पंजीकरण करवाते हैं, तो उन्हें कानूनी रूप से वैध माना जाएगा। साथ ही, ईएसआई में विलंब से भुगतान पर लगने वाला वार्षिक 25% ब्याज घटाकर मासिक 1% कर दिया गया है। आयुष 2023 की मेडिक्लेम पॉलिसी को भी संशोधित किया गया है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि द साउदर्न गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने डॉ. मांडविया से एम्नेस्टी स्कीम की मांग की थी, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। इससे सूरत सहित दक्षिण गुजरात के करीब 100 लंबित ईएसआई केसों को राहत मिल सकेगी। उन्होंने 10 से अधिक कर्मचारी रखने वाले संस्थानों से इस स्कीम का लाभ लेने की अपील की।
चेंबर की लेबर लॉ कमेटी के चेयरमैन सोहेल सवानी ने अगस्त 2023 और फिर जून 2025 में दिल्ली में डॉ. मांडविया से मुलाकात कर वर्ष 2008 व 2014 की तर्ज पर एम्नेस्टी स्कीम की पुनः घोषणा की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।