भीषण बारिश से सूरत बेहाल, कई इलाके जलमग्न,जन जीवन अस्त व्यस्त
400 मिमी से अधिक बारिश, खाड़ी का पानी घरों-दुकानों में घुसा, जनजीवन प्रभावित

सूरत। गुजरात में मानसून ने दस्तक दे दी है और सूरत शहर में बीते तीन दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। मंगलवार-बुधवार को शहर में कुल 400 मिमी (लगभग 16 इंच) बारिश दर्ज की गई, जिससे सूरत के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
निचले इलाकों में जलभराव
पुणा, गोडादरा, पर्वत गांव, सरथाणा, वालक, रघुकुल बाजार, लिंबायत समेत कई क्षेत्रों में खाड़ी और गटर का पानी घरों और दुकानों में घुस गया। शुभम पार्क सोसायटी, सीमाडा और सरथाणा क्षेत्र अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। कई इलाकों में चार से पांच फीट तक पानी जमा हो गया है।
→ टेक्सटाइल हब को बड़ा नुकसान
सारोली स्थित डीएमडी मार्केट, रिंग रोड के रघुकुल, जेडी, अनमोल और सोमेश्वरा मार्केट सहित कई कपड़ा बाजारों में पानी घुसने से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। दुकानों में रखा माल खराब हो गया है।
→ ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई
कड़ोदरा रोड, कुम्भारिया, परवत पटिया, सहारा दरवाजा, कबूतर सर्कल, कंगारू सर्कल और सब्जी मंडी क्षेत्र में जलभराव के कारण यातायात घंटों बाधित रहा। कई वाहन बंद हो गए और लोग फंसे रहे।
→ राहत कार्य में प्रशासन सक्रिय
नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि बीते 36 घंटों में 400 मिमी बारिश हुई और उसके बाद भी बारिश का दौर जारी रहा। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में ट्रैक्टर और नाव की मदद से लोगों को निकाला गया।
विवाद में नगर निगम
बारिश के पहले दो दिन सूरत नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे बैठे रहे।सोश्यल मीडिया से वायरल वीडियो के बाद प्रशासन हरकत में आया। अब महापौर और पदाधिकारी मैदान में दिख रहे हैं, लेकिन जनता में शुरुआती लापरवाही को लेकर नाराजगी है।
सूरत शहर इस समय जलभराव, अव्यवस्थित ट्रैफिक और व्यापारिक नुकसान की त्रासदी से गुजर रहा है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन वर्षा की गति और निचले इलाकों की स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में और सतर्कता की आवश्यकता है।