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व्यापारी को “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर साइबर ठगों ने 17 लाख रुपये हड़पे

दिल्ली पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी, आरबीआई और कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भी भेजे

सूरत।शहर के घोढ़दौड़ रोड स्थित सरेला वाड़ी इलाके में रहने वाले वरिष्ठ कपड़ा व्यापारी मदनलाल जैन एक सुनियोजित साइबर ठगी का शिकार बने हैं। खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताने वाले साइबर ठगों ने वीडियो कॉल पर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी और “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर उनके खाते से कुल 16.65 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मदनलाल जैन (निवासी: सिद्धकृति अपार्टमेंट, सेंट ज़ेवियर्स स्कूल के पीछे, सरेला वाड़ी, घोड़दौड़ रोड) के अनुसार, पिछले दो महीने से उन्हें वीडियो कॉल के जरिए तीन अलग-अलग लोगों ने संपर्क किया। ये लोग खुद को दिल्ली पुलिस के पीएसआई रविकुमार, समता गौड़पड़े और जॉर्ज बताकर पेश कर रहे थे।

ठगों ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड के माध्यम से केनरा बैंक में एक फर्जी खाता खोला गया है, जिसमें 2.50 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हुआ है और इस सिलसिले में मोहम्मद इस्लाम नवाब और हरीश कार्तिक नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस केस में जैन का नाम भी सामने आया है।
ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता बताते हुए कोर्ट वारंट और आरबीआई की नोटिस की फर्जी कॉपी व्हाट्सएप पर भेजी। उन्होंने “फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन” के नाम पर डराते हुए कहा कि अगर तुरंत सहयोग नहीं किया गया, तो दिल्ली पुलिस उन्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर लेगी।
डरे-सहमे व्यापारी ने उनकी बातों पर विश्वास करते हुए एफडी तुड़वाई और दो किस्तों में इंडसइंड बैंक के एक खाते में कुल 16.65 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

घटना का अहसास होने पर मदनलाल जैन ने सूरत साइबर क्राइम ब्रांच में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

(रिपोर्ट: विद्रोही आवाज़)

 

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