क्राइमसूरत सिटी

वराछा के लेसपट्टी व्यापारी द्वारा भांजे-दामाद से 55 लाख की ठगी

सूरत।धंधे के लिए लिए 35 लाख लौटाने की बजाय मकान की रजिस्ट्री दो बार करवा कर दामाद से और 20 लाख वसूले; घनश्याम जाडा के खिलाफ पुलिस में शिकायत

सूरत। वराछा क्षेत्र के एक लेसपट्टी के थोक व्यापारी द्वारा अपने ही भांजे और दामाद को विश्वास में लेकर 55 लाख रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। व्यापारी ने पहले 35 लाख रुपये उधार लिए और उन्हें लौटाने के नाम पर अपने मकान की बिक्री की रजिस्टर्ड साटाखत दामाद को दे दी, जबकि इससे पहले वही मकान किसी और को बेचा जा चुका था। इस बात को छिपाकर व्यापारी ने दामाद से और 20 लाख रुपये ले लिए, जिससे कुल ठगी 55 लाख रुपये तक पहुंची।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ए.के. रोड स्थित बाळु महाराज के टेकरा के पास राज रेसिडेंसी विंग-2 में रहने वाले निरवभाई प्रवीणभाई पटेल अकाउंटिंग व्यवसाय से जुड़े हैं। उनके ससुर घनश्यामभाई जयंतीभाई जाडा, जो वराछा रोड, खोडियार नगर स्थित सौराष्ट्र सोसायटी विंग-1 के मकान नंबर 19 में रहते हैं, उन्होंने वर्ष 2016-17 में लेसपट्टी के थोक व्यवसाय के लिए निरवभाई से 35 लाख रुपये उधार लिए थे।

रकम चुकाने में असमर्थता जताकर घनश्यामभाई ने अपने मकान को 1.50 करोड़ में बेचने की सहमति देते हुए रजिस्टर्ड साटाखत बनाकर दामाद को दे दी, ताकि वह बैंक से लोन लेकर पैसे निकाल सके। परंतु जब दामाद ने साटाखत के आधार पर लोन के लिए आवेदन किया, तब पता चला कि वही मकान पहले ही किसी चीनुभाई चंदूलाल महेता को साटाखत कर बेच दिया गया है। इससे लोन रिजेक्ट हो गया।

बाद में व्यापारी घनश्यामभाई ने दामाद को दूसरी बैंक से लोन दिलवाने का भरोसा देकर उससे और 20 लाख रुपये ले लिए, लेकिन वहां भी लोन रिजेक्ट हो गया। इसके बाद जब निरवभाई ने अपनी रकम वापस मांगी, तो घनश्यामभाई टालमटोल करते रहे और झूठे वादे करते रहे। अंततः ठगी का एहसास होने पर निरवभाई पटेल ने वराछा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस ने आरोपी व्यापारी घनश्यामभाई जाडा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच पुलिस निरीक्षक वी.ए. चौधरी द्वारा की जा रही है।

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