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 उधना में शिव महापुराण कथा का शुभारंभ, कलश यात्रा के साथ हुआ आयोजन

 

सूरत। श्री रामायण प्रचार मंडल, उधना-सूरत द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का शुभारंभ रविवार, 04 मई को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। यह यात्रा प्रातः 8 बजे लाभेश्वर महादेव मंदिर,रणछोड़ नगर, उधना से प्रारंभ होकर आशानगर सोसाइटी-1, राजस्थान विद्यालय के सामने स्थित कथा स्थल तक निकाली गई। कलश यात्रा के साथ ही कथा का विधिवत शुभारंभ हुआ।

दोपहर 3 बजे पंडित संदीप महाराज के पावन सान्निध्य में कथा का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ। उन्होंने शिव महापुराण महात्म्य का वर्णन करते हुए बताया, “शिवम् कल्याणम् ददाति इति शिवः,” अर्थात जो देवता कल्याण प्रदान करते हैं, वे ही शिव हैं।

कथा के प्रथम दिवस में देवराज नामक ब्राह्मण की कथा सुनाई गई, जो विषयों में आसक्त होकर जीवन भर भोग-विलास में लिप्त रहा। वह ज्ञानहीन, वैदिक धर्म से विमुख, धोखेबाज़ और हिंसक प्रवृत्ति का था। उसने कभी पुण्य कर्म नहीं किया, बल्कि निर्दोषों को मारकर उनका धन हड़प लिया। एक दिन वह भ्रमण करते हुए प्रयागराज स्थित झूंसी पहुंचा, जहां बीमार होने पर एक मंदिर में शिव पुराण की कथा का श्रवण किया और मोक्ष को प्राप्त हुआ।

इसी प्रकार चंचुला नामक स्त्री की कथा भी सुनाई गई, जिसने जीवन भर विलास में समय गवाया, किंतु अंत समय में शिव महापुराण कथा श्रवण कर न केवल पार्वती की सहेली बनी, बल्कि अपने पति का भी उद्धार किया।

पंडित संदीप महाराज ने बताया कि जो श्रद्धा और भक्ति से शिव महापुराण का पूजन और श्रवण करता है, वह इस संसार में संपूर्ण सुखों को भोगता है और अंततः भगवान शिव के चरणों में स्थान प्राप्त करता है। यह कथा न केवल जीवित रहते हुए कल्याण करती है, बल्कि मृत्यु के उपरांत भी शिवधाम की ओर ले जाती है।

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