बजट 2024-25: आयकर में ओल्ड-न्यू टैक्स रिजीम, शेयर बाजार, फर्म व कंपनी पर प्रभाव – CA मोहित अशोक असावा

सूरत। बजट 2024-25 में केंद्र सरकार द्वारा आयकर प्रणाली में कई बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव न सिर्फ व्यक्तिगत करदाताओं, बल्कि कंपनियों, साझेदारी फर्मों और शेयर बाजार से जुड़े निवेशकों को भी प्रभावित करते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट सीए मोहित अशोक असावा ने इन बिंदुओं को एक विस्तृत टेबल के माध्यम से समझाते हुए बताया कि टैक्सपेयर्स को नई व्यवस्था के अनुरूप जानकारी रखना आवश्यक है।
ओल्ड बनाम न्यू टैक्स रिजीम:
ओल्ड रिजीम में टैक्स छूट और कटौतियों का लाभ मिलता है, जबकि न्यू रिजीम में दरें कम हैं पर छूट सीमित।
7 लाख रुपये तक की आय पर न्यू रिजीम में कोई टैक्स नहीं, वहीं ओल्ड रिजीम में धारा 80C, 80D जैसी छूटों के साथ टैक्स बचत संभव।
फर्म व कंपनियों पर प्रभाव:
पार्टनरशिप फर्मों पर 30% टैक्स यथावतघरेलू कंपनियों के लिए टैक्स दर 22%, यदि धारा 115BAA के तहत चुना जाए, अन्यथा सामान्य दर लागू।
शेयर बाजार व पूंजीगत लाभ:
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 10% टैक्स 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर लागू रहेगा।शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर 15% टैक्स, विशेष रूप से इक्विटी शेयरों और म्युचुअल फंड्स पर लागू।
TDS दरों में संशोधन:
प्रोफेशनल सर्विस
किराया, ब्याज, कमीशन, तकनीकी सेवा आदि पर TDS की सीमा व दर में बदलाव।
CA मोहित अशोक असावा ने कहा कि टैक्स प्लानिंग से पूर्व इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सही टैक्स रिजीम का चयन करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सलाह दी कि हर करदाता को अपनी आय, व्यय व निवेश के आधार पर उपयुक्त विकल्प का चयन करना चाहिए।