
नेशनल हेराल्ड मामले में, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर हैं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक चार्जशीट दाखिल की गई है। इस चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार सैम पित्रोदा, सोनिया गांधी के सहयोगी सुमंत दुबे सहित कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इस नेशनल हेराल्ड घोटाले के विरोध में भारतीय जनता पार्टी – सूरत महानगर की ओर से कांग्रेस पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
सूरत शहर भाजपा अध्यक्ष श्री परेश पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत हुई थी। आज़ादी के बाद अखबार की आर्थिक स्थिति बिगड़ती गई, जिसके चलते कांग्रेस पार्टी ने इसकी मूल संस्था एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को 90 करोड़ रुपये की लोन दी।
ईडी का दावा है कि एक साज़िश के तहत कांग्रेस ने यह लोन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को दी, जिसे बाद में शेयरों में तब्दील कर दिया गया। बाद में ये सभी शेयर यंग इंडिया नामक कंपनी को मात्र 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिए गए, जबकि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की बाज़ार कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये है।
यंग इंडिया कंपनी में 76% हिस्सेदारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम पर थी, जबकि शेष 24% कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी थी, जिसमें 5000 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य निवेशकों का पैसा लगा हुआ था। इनकी सहमति के बिना संपत्ति ट्रांसफर करना गलत था।
यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी कंपनी थी, लेकिन इसने एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्ति का उपयोग व्यावसायिक लाभ के लिए किया, जो कानूनन और नैतिक रूप से गलत है।
सूरत शहर के महापौर श्री दक्षेश मावाणी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर साज़िश कर कब्ज़ा किया, जो नेशनल हेराल्ड अखबार से संबंधित थी। उनके ऊपर 440 करोड़ रुपये की आयकर चोरी का भी आरोप है।
इस अवसर पर सूरत शहर भाजपा महामंत्री श्री कालुभाई भीमनाथ, विधायक श्री मनुभाई पटेल, श्री प्रवीणभाई घोघारी, सूरत महानगरपालिका के उपमहापौर श्री नरेंद्र पाटिल, स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन श्री रंजन पटेल, सत्तारूढ़ पक्ष नेता श्रीमती शशिबेन त्रिपाठी, दक्षिण गुजरात के मीडिया संयोजक श्री राजेश देसाई, नगरसेवकगण, भाजपा के वरिष्ठ व अग्रणी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।