कपड़ा व्यापारी को 32 लाख रुपये के चेक रिटर्न मामले में 64 लाख रुपये का भुगतान और 6 माह की सजा का कोर्ट आदेश

सूरत। रिंग रोड स्थित “श्री गणपति टेक्सटाइल्स” के नाम से कपड़ा दलाली का व्यवसाय करने वाले दलाल अमित गुप्ता ने वर्ष 2016 में अमृतसर, पंजाब के हरचंददास बाजार, दुर्गा क्लॉथ बाजार के पास कपड़े का व्यापार करने वाले पी. अनिल एंड कंपनी के मालिक और अधिकृत साझेदार पंकज महाजन के साथ कपड़े का लेनदेन किया था।
दलाल अमित गुप्ता ने अपने दलाल होने के नाते आरोपी पंकज महाजन को सूरत की विभिन्न पार्टियों को कमीशन पर कपड़ा माल दिलवाया था, जिसकी राशि आरोपी ने चुकाई नहीं। इसी दौरान अमित गुप्ता ने अपने नाम से चल रही फर्म “श्री गणपति टेक्सटाइल्स” के माध्यम से भी कुल 33,47,000 रुपये का माल पंकज महाजन को उधार पर बेचा था।
पंकज महाजन ने दलाल को अन्य पार्टी के भुगतानों के साथ ही खुद “श्री गणपति टेक्सटाइल्स” का भी भुगतान नहीं किया और जो चेक दिए थे वे भी 33,24,505 रुपये की राशि के थे, जो “अकाउंट क्लोज़्ड” दर्शा कर बाउंस हो गए।
जब बार-बार भुगतान की माँग पर भी आरोपी ने चुप्पी साध ली, तब दलाल अमित गुप्ता ने अपने वकील विरल मेहता के माध्यम से सूरत के सलाबतपुरा पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इसके साथ ही, नीगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत कोर्ट में चेक रिटर्न की विधिक शिकायत भी दायर की गई।
मामले की सुनवाई सूरत की छठी एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई, जहां न्यायालय ने दलाल के सबूतों को स्वीकार करते हुए आरोपी पंकज महाजन को दोषी करार दिया। अदालत ने पंकज महाजन को 6 माह की सादी कैद और चेक राशि का दोगुना 64 लाख रुपये का मुआवजा शिकायतकर्ता को अदा करने का आदेश दिया। यदि आरोपी यह राशि अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त 2 माह की कैद भुगतनी होगी।
मामले में फरियादी की ओर से वरिष्ठ वकील श्री विरल मेहता ने सशक्त पैरवी की।