
सूरत।कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत गुजरात के मुख्यमंत्री और सांसदों को पत्र भेजकर भारत को “ग्लोबल सिंथेटिक गारमेंट हब” बनाने हेतु ठोस नीति अपनाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने चीन से आयातित वस्त्रों पर 145% तक टैरिफ लगा दिया है, जबकि भारत से आयात पर यह दर 90 दिनों के लिए घटाकर 10% कर दी गई है। इससे भारत के वस्त्र उत्पाद अमेरिकी बाजार में काफी प्रतिस्पर्धी हो गए हैं और निर्यात में तेज़ी से वृद्धि की संभावना है।
बोथरा ने सुझाव दिया है कि इस अस्थायी लाभ को स्थायी अवसर में बदलने के लिए केंद्र सरकार को तुरंत “अंतरिम एक्सपोर्ट संरक्षण योजना” लागू करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने 10 बिंदुओं पर आधारित विशेष सुझाव भी सरकार को दिए हैं, जिन पर अमल करके सूरत को वैश्विक टेक्सटाइल मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाया जा सकता है।
सूरत को वैश्विक गारमेंट हब बनाने के लिए CAIT ने दिए 10 सुझाव
1. स्पेशल सिंथेटिक टेक्सटाइल एक्सपोर्ट ज़ोन (STTEZ):
सूरत में विशेष ज़ोन की स्थापना, जिसमें फैब्रिक, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स की सुविधा एकत्र हो। SEZ की तर्ज पर टैक्स में रियायत और त्वरित कस्टम क्लीयरेंस की सुविधा दी जाए। 2. लॉजिस्टिक्स सुविधा:
सूरत से माल ढुलाई की सुविधा के लिए पोर्ट कनेक्टिविटी, एयर कार्गो सेवा और विशेष माल गाड़ियाँ चलाई जाएं।
3. रिसर्च और डेवलपमेंट:
पर्यावरण अनुकूल प्रोडक्शन, नए-नए डिज़ाइन व मटेरियल पर रिसर्च बढ़े। सरकारी यूनिवर्सिटीज और उद्योगों के समन्वय से नवाचार को बढ़ावा मिले।
4. MSME इकाइयों को सॉफ्ट लोन:
छोटे उत्पादकों को कम ब्याज दर पर ऋण और निर्यात पर 5% तक सब्सिडी दी जाए।
5. मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (MAI):
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों, फैशन शो में भागीदारी के लिए सरकारी सहायता मिले।
6. FTA में सिंथेटिक उत्पादों को शामिल करना:
भारत के सभी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स में सिंथेटिक फैब्रिक और गारमेंट को शामिल कर टैरिफ में रियायत मिले।
7. राष्ट्रीय ब्रांडिंग:
“Made in Surat” टैग के साथ वैश्विक ब्रांडिंग अभियान चलाया जाए।
8. तकनीक और स्किल डेवलपमेंट:
ऑटोमेशन व आधुनिक मशीनरी का प्रोत्साहन और मज़दूरों को स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाए।
9. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को बढ़ावा:
छोटे उत्पादकों को Amazon, Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए। 10. PLI और पीएम मित्रा योजना में समावेश:
छोटे उद्यमियों को PLI स्कीम और पीएम मित्रा पार्क योजना से जोड़कर विशेष लाभ दिया जाए।