
नई दिल्ली। त्योहारी और शादी के सीज़न में सरकार द्वारा 2,500 रुपये से अधिक मूल्य के रेडीमेड वस्त्रों पर GST दर 12% से बढ़ाकर 18% किए जाने से पूरे देश के कपड़ा बाजारों में चिंता और बेचैनी फैल गई है। इस निर्णय का सीधा असर शादी एवं फैशन परिधान बाजार पर पड़ रहा है। 2,500 रुपये तक के वस्त्रों पर जहाँ पूर्ववत 5% GST लागू है, वहीं उच्च मूल्य वाले कपड़ों पर 18% कर दर से दुल्हन के लहंगे, शेरवानी, गाउन, सूट, कोट, स्वेटर आदि रेडीमेड परिधानों की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।
कपड़ा व्यापारियों ने बताया कि लहंगा भले ही अनस्टिच हो, फिर भी उसे रेडीमेड गारमेंट की श्रेणी में रखकर 18% GST लगाया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं विशेष रूप से शादी की तैयारियों में जुटे परिवारों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
ऑल इंडिया बाजार की स्थिति
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एवं गारमेंट कमेटी द्वारा देशभर के प्रमुख वस्त्र बाजारों की समीक्षा में निम्न प्रमुख बिंदु सामने आए —
• ग्राहक संख्या में गिरावट: सूरत, मुंबई, दिल्ली (करोल बाग़, गांधी नगर, तिलक नगर), जयपुर, लुधियाना, अहमदाबाद, कानपुर, कोलकाता और इंदौर जैसे बड़े बाजारों में ग्राहकों की संख्या में 25–30% तक की कमी दर्ज हुई है।
• निर्यात प्रतिस्पर्धा पर असर: तिरुपुर, नोएडा और अन्य एक्सपोर्ट हब्स से रिपोर्ट आई है कि बढ़ी हुई GST दर से रेडीमेड परिधानों की लागत बढ़ने के कारण विदेशी ऑर्डर घट रहे हैं।
• विंटर कलेक्शन प्रभावित: स्वेटर, कोट, शॉल और अन्य ऊनी परिधानों पर 18% GST लागू होने से ठंड के मौसम की बिक्री भी धीमी पड़ गई है।
• व्यापारियों की चिंता: व्यापारी वर्ग का कहना है कि यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब त्योहारी और शादी के सीजन में बाजार की रौनक अपने चरम पर होती है।
CAIT की प्रतिक्रिया और सुझाव
CAIT की टेक्सटाइल एवं गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री चम्पालाल बोथरा ने कहा —
> “त्योहारी सीजन में 18% GST का बोझ न केवल व्यापारियों बल्कि उपभोक्ताओं पर भी भारी पड़ रहा है। शादी की तैयारियों में जुटे परिवारों के बजट बिगड़ गए हैं, और व्यापारियों के पुराने ऑर्डर तक रद्द हो रहे हैं। हमारी सरकार से मांग है कि 10,000 रुपये तक के वस्त्रों पर GST दर घटाकर 5% की जाए, ताकि बाजार की रौनक और उपभोक्ता विश्वास दोनों कायम रहें।”
CAIT की प्रमुख मांगें
1. GST दर में कमी: ₹10,000 तक के सभी रेडीमेड गारमेंट्स पर GST दर 5% तक सीमित की जाए।
2. उद्योग को राहत: छोटे और मध्यम गारमेंट व्यापारियों व महिला उद्यमियों को आसान ऋण, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहायता प्रदान की जाए।
3. निर्यात प्रतिस्पर्धा बनाए रखना: तिरुपुर, नोएडा, लुधियाना जैसे एक्सपोर्ट क्लस्टर्स को विशेष राहत दी जाए ताकि विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
4. सीजनल उत्पादों पर कर राहत: शादी, त्योहारी एवं ऊनी वस्त्रों पर विशेष कर छूट दी जाए।
CAIT और देशभर के कपड़ा व्यापारी संगठनों ने केंद्र सरकार से एक स्वर में आग्रह किया है कि 18% GST के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। इस कदम से न केवल बाजार की सक्रियता और उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा, बल्कि करोड़ों छोटे व्यापारियों और लाखों कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी।



