
सूरत।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25% टैरिफ और पेनल्टी लगाने की घोषणा के बाद सूरत के टेक्सटाइल, डायमंड और जेम्स-ज्वेलरी के निर्यात पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
सदर्न गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.51 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जिसमें 11.50% की वृद्धि हुई थी। अब नई टैरिफ नीति से भारत के कुल GDP में 0.5% गिरावट आने की संभावना है।
एक रिसर्च के अनुसार भारत से टेक्सटाइल निर्यात में 12% की गिरावट आ सकती है, जिससे लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का नुकसान और खासकर मैनमेड फाइबर (MMF) टेक्सटाइल हब सूरत पर सीधी मार पड़ सकती है।
चेंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने बताया कि सूरत में 18 लाख लोग टेक्सटाइल उद्योग से सीधे जुड़े हैं और अमेरिका की टैरिफ नीति से लाखों की रोज़गार पर संकट आ सकता है। वहीं, वियतनाम को हुए ट्रेड डील और बांग्लादेश को LDC दर्जे का लाभ भी भारत की प्रतिस्पर्धा को कमज़ोर कर सकता है।
पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि भारत से गारमेंट एक्सपोर्ट को सबसे बड़ा झटका लगेगा। सूरत देश का प्रमुख होम टेक्सटाइल और फैब्रिक हब है, जहां से अमेरिका के लिए बड़े-बड़े बल्क ऑर्डर जाते हैं। टैरिफ बढ़ने से ये ऑर्डर रद्द हो सकते हैं और छोटे-मझोले उद्यमों को नुकसान होगा।
चेंबर के कोषाध्यक्ष सीए मितिष मोदी ने कहा कि टैरिफ का असर डायमंड, केमिकल और फार्मा प्रोडक्ट्स पर भी पड़ेगा। सूरत की डायमंड इंडस्ट्री में 10 लाख लोग कार्यरत हैं और एक्सपोर्ट घटने से रत्नकला से जुड़े श्रमिकों की रोज़गार पर खतरा है।
उन्होंने कहा कि भारत से अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर का फार्मा निर्यात होता है, खासकर जेनेरिक दवाओं का। अंकेश्वर, वापी और दहेज जैसे इलाकों से विशेष केमिकल और फार्मा प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट प्रभावित होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील नहीं होती, तब तक यह टैरिफ जारी रहेगा। ऐसे में भारत को जल्द कदम उठाकर व्यापार समझौता करना होगा।