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सूरत में ‘नेशन फर्स्ट’ मंच से अश्विनी उपाध्याय का आह्वान – जब तक अंग्रेजी-मुगली कानून नहीं हटते, भारत नहीं बन सकता सुरक्षित राष्ट्र

   

सूरत। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और देशहित में अनेक पीआईएल दायर करने वाले अश्विनी उपाध्याय ने रविवार को पाल स्थित संजीवकुमार ऑडिटोरियम में ‘साकेत ग्रुप – नेशन फर्स्ट’ द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में अंग्रेजों और मुगलों के बनाए कानूनों को पूरी तरह समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक भारत से 100% ऐसे कानून खत्म नहीं होंगे, तब तक देश सुरक्षित नहीं हो सकता।

उपाध्याय ने धर्मांतरण, वक्फ कानून, लव जिहाद, जनसंख्या विस्फोट, एनजीओ के विदेशी फंड, टैक्स नीति जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करते हुए कहा कि धर्मांतरण देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने बताया कि देश के 200 जिलों और 1500 तहसीलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर धार्मिक-सांस्कृतिक पुनर्निर्माण जरूरी है।

उन्होंने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए आर्म्स एक्ट, वक्फ कानून, लैंड एक्विजिशन एक्ट और नागालैंड इनर परमीट जैसे कानूनों को भारत विरोधी बताते हुए कहा कि इनका उद्देश्य भारत को बांटना, लूटना और धर्मांतरण को बढ़ावा देना था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में डेढ़ लाख अंग्रेजी कानून समाप्त किए गए हैं, लेकिन अब भी कई ऐसे हैं जो देश के लिए खतरा हैं।

वंदे मातरम् को राष्ट्रगान न बनाना, एयरलाइन्स का वीटी (विक्टोरिया टेरिटरी) कोड होना, शहरों के नाम मुगल आक्रांताओं पर होना जैसे अनेक बिंदुओं पर उन्होंने उदाहरण सहित बात रखी।

कार्यक्रम में साकेत नेशन फर्स्ट के संस्थापक सांवरप्रसाद बुधिया ने संस्था की कार्यशैली और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संचालन वीरेंद्र राजावत और धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश बिंदल ने किया।

कार्यक्रम में धीरूभाई सवाणी, विक्रम सिंह शेखावत, सुशील पोद्दार, विनोद जैन, बीएन राय, मनीष टिंबरिवाल, जितेंद्र कोठारी सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, पूर्व सैनिक और उद्योगपति उपस्थित थे।

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