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जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर सूरत में निकाली गई रैली, कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

राजस्थान की घटना से क्षुब्ध जैन समाज ने उठाई सड़क सुरक्षा की मांग

सूरत। हाल ही में राजस्थान के पाली जिले में विहाररत एक जैन मुनि का सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया था। इस घटना के विरोधस्वरूप और विहार के दौरान साधु-संतों को आवश्यक सुरक्षा दिलाने की मांग को लेकर सूरत में जैन समाज द्वारा एक शांतिपूर्ण रैली निकाली गई। अडाजन क्षेत्र से प्रारंभ होकर यह रैली सूरत जिला कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची, जहां प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा।

घटना के बाद जैन समाज में शोक और आक्रोश
राजस्थान की इस दुर्घटना में एक जैन मुनि को भारी वाहन ने टक्कर मारी थी, जबकि वे सड़क से लगभग आठ फीट दूर विहार कर रहे थे। समाज के लोगों का कहना है कि यह घोर लापरवाही का मामला है और इसके दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। इस घटना ने राजस्थान ही नहीं, गुजरात सहित समग्र जैन समाज को आहत किया है।

सूरत में विशाल रैली का आयोजन
दुर्घटना के विरोध में सूरत के जैन समाज के सैकड़ों नागरिकों और साधु-संतों ने भाग लिया। रैली अडाजन क्षेत्र से निकलकर जिला कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। रैली का मुख्य उद्देश्य जैन मुनियों और साध्वीजी महाराजों को विहार के दौरान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित कराना था।

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
रैली के समापन पर जैन समाज के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई कि सरकार विहाररत साधु-संतों की सुरक्षा के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

जैन समाज के अग्रणी अजीत मेहता ने कहा कि जिस तरह राजस्थान में ट्रक चालक की लापरवाही से एक संत का निधन हुआ, वैसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए सरकार और प्रशासन को सचेत रहना होगा। समाज की यह भी मांग है कि विहार के समय पुलिस या प्रशासन की ओर से आवश्यक सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।

समाज की मांग: विहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य हो
जैन समाज का कहना है कि विहाररत संतों की सुरक्षा केवल धार्मिक नहीं, मानवीय और संवैधानिक कर्तव्य भी है। इसलिए सरकार को सड़क सुरक्षा के मानकों में जैन मुनियों के विहार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक संशोधन करने चाहिए।

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