
सूरत। आस्था, प्रेम और पारिवारिक सौहार्द्र के प्रतीक गणगौर पर्व पर श्री रामायण प्रचार मंडल, उधना द्वारा निकाली जाने वाली गणगौर शोभायात्रा में हर वर्ष महिला शक्ति का जनसैलाब उमड़ता है।
मंडल की रितु भराड़िया ने बताया कि यह त्योहार राजस्थान की गौरवशाली संस्कृति और लोकगीतों को दर्शाने वाला है। कुँआरी कन्याएँ 18 दिन तक भगवान शिव-पार्वती की पूजा कर अच्छे वर की मंगल कामना करती हैं। मान्यता है कि गणगौर का यह पर्व उन्हीं के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है।
चैत्र शुक्ल एकम, रविवार 30 मार्च को सिंजारा उत्सव भराड़िया हाउस में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गौरा जी और इसर जी का नए वस्त्रों एवं आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया, जिसमें रेखा भराड़िया, रितु भराड़िया, नीता कंवर, सुनीता शर्मा, दुर्गा डांगरा, डिंपल शर्मा और मानवी ने सहभागिता निभाई।
गणगौर पर्व के तहत सोमवार को गौरा जी की विदाई होगी, जहां उन्हें शाही ठाठबाट के साथ ससुराल भेजा जाएगा।